हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे Can Be Fun For Anyone

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• आधा चम्मच हल्दी, आधा चम्मच नींबू का रस, एक दो चम्मच शहद और गुनगुना पानी । गुनगुने पानी में नींबू का रस, हल्दी और शहद को मिलाकर मिक्स करें । सुबह खाली पेट पिए । नाश्ता करने के आधे घंटे पहले भी हम यह पानी पी सकते हैं। इससे शरीर को कई सारे फायदे मिलते हैं ।

हल्दी की चाय भी बना सकते हैं। इसमें स्वाद के लिए थोड़ा-सा शहद मिक्स कर सकते हैं।

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इसके लिए आधा चम्मच पिसी हुई हलदी को एक ग्लास गर्म दूध में मिलाकर एक दिन में दो बार रोगी को पिलाएं जब तक प्लास्टर बना हुआ है।

किसी की मृत्यु के बाद उसके लिये की जाने वाली क्रियायें क्यों महत्वपूर्ण हैं? ये सिर्फ मानसिक सांत्वना के लिये नहीं हैं, बल्कि मानवीय प्रणाली के काम करने के तरीके की एक गहरी समझ की वजह से बनी हैं। सद्‌गुरु समझा रहे हैं कि कैसे मृत्यु के बाद की क्रियायें मृत व्यक्ति और जीवित लोगों के लिये भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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वहीं दही एक नेचुरल प्रोबायोटिक है जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने के साथ साथ आपके मेटाबॉलिज्म को भी बूस्ट करता है और इससे शरीर का अतिरिक्त फैट बाहर निकल जाता है.

हल्दी के एंटी- इंफ्लेमेट्री गुण ऑस्टियो आर्थराइटिस आैर रह्यूमेटॉयड आर्थराइटिस के इलाज में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसमें निहित एंटी- ऑक्सिडेंट शरीर के उन मुक्त कणों भी नष्ट here कर देता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति को किसी भी तरह के हल्के दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए इस मसाले का उपयोग रोजाना करना चाहिए। हालांकि, यह भी समझ लेना चाहिए कि हल्दी किसी भी तरह से दवा का विकल्प नहीं हो सकता।

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हल्दी का सेवन कम मात्रा में शुरू करके धीरे धीरे बढ़ाना चाहिए और लम्बे समय तक उपयोग करना लाभदायक होता है। एक समय में दो चम्मच से अधिक हल्दी का सेवन नहीं करना चाहिए।

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• हल्दी में करक्यूमिन तथा टरमरोन घटक होने के कारण योगिक मस्तिष्क की कोशिकाओं को ठीक करने में मदद करता है । स्ट्रोक या अल्जाइमर रोग में न्यूरोडेजेनरेटिव बीमारियों को रोकने में मदद करता है । करक्यूमिन अल्जाइमर रोग में स्मृति के सुधार में मदद करता है। यह अल्जाइमर रोग की गति को धीमा करता है । या रोक भी लगाता है । मस्तिष्क में आई हुई गठन को दूर करता है । ऑक्सीजन लेवल को सुधारने में भी मदद करता है ।

यही कारण बताता है कि क्यों हल्दी का दूध नींद के लिए सादा दूध से ज्यादा लाभकारी है।

दाल से आपके शरीर को प्रोटीन और फाइबर  मिलेगा जबकि ब्राउन राइस साबुत अनाज की श्रेणी में आता है और इसका फाइबर आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम रखेगा और आपके दिल को स्वस्थ रखेगा.

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